गुरुवार, जुलाई 14, 2005

कुत्ते की दुम और सलमान ख़ान

कहते हैं कुत्ते की दुम टेढ़ी ही रहती है, भले ही आप उसे सीधी करने की कोई भी तरकीब लगा लें. मुंबई से प्रकाशन के पहले ही दिन हिन्दुस्तान टाइम्स ने सलमान ख़ान और ऐश्वर्या राय के संवाद का जो विवरण छापा है, उससे तो यही लगता है कि सलमान कहावतों में कुत्ते की दुम की जगह बख़ूबी ले सकते हैं.

ज़ाहिर है कथित रूप से पुलिस द्वारा टेलीफ़ोन टेपिंग के ज़रिए रिकॉर्ड की गई बातचीत से सलमान-ऐश्वर्या संबंधों पर ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड की गंदगी और बॉलीवुड-अंडरवर्ल्ड संबंधों पर भी रोशनी पड़ती है.

बातचीत में न सिर्फ़ सलमान ने शोहदों जैसी गंदी भाषा का इस्तेमाल किया है, बल्कि जमकर डींग भी मारी है कि कैसे अबू सालेम समेत मुंबई अंडरवर्ल्ड के तमाम बड़े गुंडों से उनकी मेलजोल है. उन्होंने ऐश्वर्या को सपरिवार उठा लेने की धमकी दी है. ये भी माना है कि चोरी-चोरी, चुपके-चुपके में अबू सालेम का पैसा लगा होने की बात उन्हें पहले से पता थी.

यहाँ यह बात स्पष्ट होनी चाहिए कि सलमान के वकील भले ही अभी टेप के जाली होने की बात कर रहे हों, पुलिस ने चार साल पुरानी इस टेप पर अभी ऐसी दो-टूक राय नहीं दी है.

चाहे संरक्षित माने जाने वाले काले हिरण के अवैध शिकार का मामला हो, या फुटपाथ पर रात गुजार रहे लोगों पर गाड़ी चढ़ाने का मामला, सलमान की असलियत के लिए किसी गुप्त ऑडियो टेप की कोई ज़रूरत नहीं रह गई थी. लेकिन अब जब टेप सामने आ ही गई है तो क्यों न सरकार इस मौक़े को बॉलीवुड में साफ-सफाई के अवसर के रूप में इस्तेमाल करे.

...और ज़ाहिर है पेज-3 समुदाय सलमान का फ़ोन टेप किए जाने को प्राइवेसी के उल्लंघन के उदाहरण के रूप में उछाल कर बहस का रुख़ मोड़ने की कोशिश करेगा, ऐसे में भारतीय मीडिया को अपने खूँटे गाड़े रहने की दृढ़ता दिखानी होगी.

1 टिप्पणी:

अनूप शुक्ल ने कहा…

भइया ,इसमें कुत्तों की रायशुमारी भी करनी होगी। कहीं वे बुरा मान गये तब क्या होगा!