सोमवार, जुलाई 04, 2005

भूपति ने बदला लिया

भारतीय टेनिस स्टार महेश भूपति ने फ़्रांस की मेरी पीयर्स के साथ विंबलडन के मिक्स्ड डबल्स वर्ग का ख़िताब जीत कर एक बार फिर दिखा दिया कि उन्हें अभी चुका हुआ नहीं माना जाना चाहिए. ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिताओं में यह भूपति का चौथा मिश्रित युगल ख़िताब है.

विंबलडन के सेंटर कोर्ट पर भूपति-पीयर्स की जोड़ी ने प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के पॉल हैनली और यूक्रेन की तातियाना पेरीबीनीज़ की जोड़ी को सीधे सेटों मे 6-4, 6-2 से हरा दिया. वो भी मात्र 54 मिनट के भीतर.

लेकिन भूपति को इससे पहले सेमीफ़ाइनल की जीत ख़िताबी जीत से कम नहीं लगी होगी. उन्होंने मौक़ापरस्त अमरीकी लीज़ा रेमंड को जो हराया था. विंबलडन प्रतियोगिता से ठीक पहले मिक्स्ड डबल्स में उनकी तब तक की जोड़ीदार लीज़ा ने अचानक उनका साथ छोड़ने का फ़ैसला कर लिया. लीज़ा की इस औचक चाल ने भूपति के सामने समस्या खड़ी कर दी. अंतिम समय में किसी अच्छे जोड़ीदार का मिलना संभव नहीं दिख रहा था. वो तो भला हो उनके एक दोस्त का जिसने मेरी पीयर्स से उनकी बात कराई और दोनों टीम बनाने पर सहमत हुए.

ऐसे में भूपति ने धोखा देने वाली लीज़ा रेमंड को हरा कर कैसा महसूस किया होगा ये तो वही जानते होंगें, लेकिन मुझे बहुत मज़ा आया. भूपति-पीयर्स ने सेमीफ़ाइनल में स्वीडन के जोनस ब्योर्कमैन और अमरीका की लीज़ा रेमंड की जोड़ी को सीधे सेटों में 7-5, 6-1 से पराजित किया. भूपति ने लीज़ा रेमंड को मौक़ापरस्ती का क्या मज़ा चखाया. कमाल कर दिया!

3 टिप्‍पणियां:

आलोक ने कहा…

कुछ दिनो पहले पहली बार टेनिस खेला। वाट लग जाती है! हाँफ़ते हाँफ़ते बुरे हाल हो गए। टी वी पर ही आसान लगता है :)

Tarun ने कहा…

ye hoti hi maukaparest hain.....chahe kaisi bhi partner ho....life me ya phir game mein.....lekin sunke mujhe bhi achha laga

Tarun ने कहा…

BTW welcome.....:)