हर महत्वपूर्ण व्यक्ति, घटना या अवसर के लिए साल का एक दिन तय होता है. क्या ही अच्छा होता जो खेलों के लिए भी ऐसी व्यवस्था होती. और कभी ऐसी व्यवस्था होती है तो निश्चय ही क्रिकेट के लिए तय होगा 12 मार्च का दिन.
ग़ैरक्रिकेटिंग दुनिया में निठल्ले दर्शकों की पसंद के रूप में जानी जाती क्रिकेट ने रविवार 12 मार्च 2006 को दिखा दिया कि आख़िर क्या ख़ूबसूरती है इस खेल में. जोहानसबर्ग एकदिवसीय मैच में ऑस्ट्रेलिया ने मेज़बान दक्षिण अफ़्रीका के सामने क्रिकेट इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य पेश किया- 435 रनों का लक्ष्य. और निर्धारित पचास ओवरों में एक गेंद शेष रहते दक्षिण अफ़्रीका ने यह लक्ष्य हासिल कर दिखाया- नौ विकेट पर 438 रन बना कर. इसी के साथ दक्षिण अफ़्रीका ने पाँच एकदिवसीय मैचों की सिरीज़ 3-2 से अपने नाम कर ली. क्या ही ऐतिहासिक स्कोरकार्ड है इस मैच का.
जोहानसबर्ग में रनों की बरसात नहीं हुई, बल्कि रनों का बादल फट पड़ा. जैसे हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटना में कुछ मिनटों के दौरान कई सौ मिलीमीटर बारिश हो जाती है, उसी तरह जोहानसबर्ग में रनों का बादल फटा और एक ही दिन में बन गए 872 रन. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ एमएल लुइस से सबको सहानुभूति होगी- बेचारे ने निर्धारित दस ओवरों में 113 रन दिए, बिना कोई विकेट लिए. जोहानसबर्ग में गेंदबाज़ों की बेचारगी की क़ीमत पर मज़े किए रिकी पोंटिंग और हर्शेल गिब्स जैसे बल्लेबाज़ों ने- पोंटिंग ने नौ छक्कों और 12 चौकों की सहायता से बनाए 105 गेंदों पर 164 रन, जबकि गिब्स ने 21 चौकों और सात छक्कों के सहारे बनाए 111 गेंदों पर 175 रन.
क्रिकेट भले ही गेंद और बल्लों से खेला जाता हो, लेकिन अन्य खेलों की तरह इसमें भी बड़े अवसरों पर जीत होती है सिर्फ़ अटल इरादे और दृढ़ इच्छाशक्ति की. 12 मार्च 2006 को जोहानसबर्ग में दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों के माध्यम से इसी जुझारूपन, दृढ़ निश्चय की जीत हुई. वरना पोंटिंग और उनके बल्लाधारियों ने जितनी बड़ी चुनौती पेश की थी उससे आज तक किसी भी टीम का सामना नहीं हुआ था.
ज़ाहिर है यह मैच अगले साल के विश्व कप क्रिकेट मुक़ाबले तक सभी प्रतिभागी टीमों के लिए एक मापदंड का काम करेगा. भारतीय टीम(टीवी चैनलों की 'टीम इंडिया') को विश्व कप का दावेदार बताने वाले निश्चय ही अपने दावे को दोबारा ठोक-बजाकर देखेंगे. जहाँ तक मेरी राय है, जोहानसबर्ग के इस ऐतिहासिक मैच से मौजूदा भारतीय टीम पर भरोसा बढ़ना ही चाहिए. कम से कम इस दृष्टि से तो ज़रूर ही, कि बड़े लक्ष्यों का पीछा करने के मामले में हमारा रिकॉर्ड हाल के दिनों में बहुत बढ़िया रहा है.
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2 टिप्पणियां:
सही में क्या कमाल का मैच था।
It was an amazing match, actually quite dramatic. I liked your blog in Hindi, and would like to write one myself in Hindi too. Can you tell me how to do that
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