साल का एक दिन महिलाओं के नाम किया गया है. ये दिन है आठ मार्च का. इस बार भी महिला दिवस पर नारी के प्रति सहानुभूति भरे लेख छपे, भाषणबाज़ी हुई और वायदे किए गए.
आइए देखें आज आँकड़ों में महिलाओं की क्या स्थिति है-
दुनिया की निजी मिल्कियत वाली ज़मीन का मात्र एक प्रतिशत महिलाओं के नाम है.
प्रति मिनट एक महिला बच्चे को जन्म देते समय भगवान को प्यारी हो जाती है.
निरक्षर बालिगों में से 67 प्रतिशत महिलाएँ हैं.
ग़रीबी में जी रही 120 करोड़ की आबादी का 70 प्रतिशत महिलाएँ हैं.
दुनिया के 80 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में 65 प्रतिशत महिलाएँ हैं.
संयुक्त राष्ट्र के 191 सदस्य राष्ट्रों में से मात्र 12 की कमान महिलाओं के हाथों में है.(सोनिया गांधी को नहीं गिना गया है.)
दस में से एक फ़िल्म का ही निर्देशन कोई महिला करती है.
नारी स्वतंत्रता का नारा लगाने वाले यूरोपीय संघ की प्रमुख कंपनियों में मात्र तीन प्रतिशत की कमान महिलाओं के हाथों में है.
(स्रोत:महिला दिवस पर प्रकाशित विभिन्न लेख)
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1 टिप्पणी:
इस विरोधाभाष कि और भी ध्यान दे, भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश तथा श्रीलंका जैसे देशो कि कमान कभी ना कभी महेलाओ ने सम्भाली थी वहीं अमेरिका मं अभी तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बनी है.
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