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तो भाइयों और बहनों हो जाइए तैयार, दुनिया को अनवरत समाचार देने वाले एक फ़्रांसीसी चैनल के लिए. नाम होगा- फ़्रेंच इंटरनेशनल न्यूज़ नेटवर्क या फ़्रांसीसी में कहें तो ला शेन फ़्रैंश्चे द'इन्फ़ॉर्मेशन इंतरनाशनेल या CFII.
फ़्रांसीसी संस्कृति मंत्री आरडी द'वैबरे ने कहा है कि सीएफ़आईआई साल भर के भीतर आपके घरों में होगा. उन्होंने कहा कि सीएफ़आईआई के ज़रिए फ़्रांस अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम को मुक्त, आधुनिक और बहुपक्षीय रूप में प्रस्तुत कर सकेगा. द'वैबरे ने कहा कि सीएफ़आईआई की प्रस्तुतियों में फ़्रांसीसी मूल्यों का ख्याल रखा जाएगा. उन्होंने कहा, "कौन ऐसा होगा जिसने लोकतांत्रिक मूल्यों से सराबोर समाचार के फ़्रांसीसी विचार की रक्षा करने की ज़रूरत नहीं महसूस की हो?"
सीएफ़आईआई सरकार यानि जनता के पैसे से चलेगा. हालाँकि इसके प्रबंधन में सरकारी फ़्रांस टेलीविजन्स और निजी क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय फ़्रेंच चैनल टीएफ़1 की बराबर की भागीदारी होगी. दोनों चैनलों के बीच छत्तीस का आँकड़ा रहा है, सो ये देखने वाली बात होगी कि उनका सहयोग कैसा रहता है.
फ़्रांसीसी सरकार ने CFII पर इस साल 1.5 करोड़ यूरो, वर्ष 2006 में 6.5 करोड़ यूरो और उसके बाद हर वर्ष सात करोड़ यूरो ख़र्च करने का मन बनाया है. शुरू में यह यूरोप, मध्य-पूर्व और अफ़्रीका के लिए कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा. आरंभ में चार घंटे के अंगरेज़ी स्लॉट को छोड़ कर बाकी कार्यक्रम फ़्रेंच में होंगे. बाद में स्पेनिश और अरबी भाषाओं में कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएँगे.
राष्ट्रपति शिराक का कहना है कि फ़्रांस को छवि की अंतरराष्ट्रीय लड़ाई में अगली पंक्ति में रहना ज़रूरी है. फ़्रांस के हाल के दंगों से दुनिया भर में बिगड़ी फ़्रेंच छवि के लिहाज़ से शिराक का कथन और भी सही लगने लगा है. लेकिन क्या उनकी बात भारत पर भी नहीं लागू होती?
1 टिप्पणी:
मेरे खयाल से भारत की दृष्टि से भी यह शुभ समाचार है |
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