पाकिस्तान की मेहमान टीम के हाथों अपनी ही ज़मीन पर मात खा चुकी भारतीय क्रिकेट टीम के नए स्वरूप पर बहस बेहद ज़रूरी है. ये तो साफ़ ज़ाहिर है कि पड़ोसी देश की टीम के मुक़ाबले भारतीय टीम कहीं ज़्यादा अनुभवी है, लेकिन उसमें उस 'किलर-इन्सटिंक्ट' का अभाव है जो कि पाकिस्तानी टीम में बहुत ज़्यादा है.
अब समय आ गया है कि सौरभ गांगुली और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ियों के बिना भी टीम को मैदान में उतारने पर न सिर्फ़ विचार किया जाना चाहिए, बल्कि ये मान कर चलना चाहिए आगे से ऐसा नियमित रूप से करना पड़ेगा.
भारत में एक टेलीविज़न चैनल स्टार न्यूज़ के विशेषज्ञों और दर्शकों ने सचिन तेंदुलकर को 'सिरीज़ का मुज़रिम' चुना, जिस पर घनघोर सचिन प्रशंसकों ने भी कोई आपत्ति नहीं की. क्या ही अच्छा हो जो भारतीय क्रिकेट के चयनकर्ता भी इस तरह बिना किसी पूर्वाग्रह के मुज़रिमों की पहचान कर पाता. सचिन तेंदुलकर अब भी नहीं मान रहे कि उनका खेल ख़राब हो चुका है.
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