इस लेख के पहले हिस्से में हमने चाँद पर क़दम रखने वाले लोगों में से सात के बारे में पढ़ा. आइए बाक़ी के पाँच मूनवॉकर के बारे में जानते हैं कि धरती से इतर किसी ज़मीन पर क़दम रखने की उपलब्धि हासिल करने के बाद उनकी ज़िंदगी कैसी रही-
8. जेम्स इरविन, अपोलो 15 (30 जुलाई 1971)
इरविन की मानें तो चाँद पर क़दम रखने के साथ ही उनका ईश्वर से साक्षात्कार हुआ था. भगवान से इस मुलाक़ात ने उनकी ज़िंदगी को बदल कर रख दिया. धरती पर वापस लौटते ही उन्होंने नासा छोड़ दिया. वे न सिर्फ़ धर्म की शरण में आ गए, बल्कि High Flight Foundation नामक एक संगठन की स्थापना भी की जो कि ईसाइयत की विभिन्न शाखाओं को साथ लेकर चलती है. इस संगठन का नेतृत्व करते हुए वो चार बार मिशन लेकर तुर्की गए Noah's Ark की खोज करने. यानि उस नौका के अवशेष ढूंढने जो कि मिथकों के अनुसार महाप्रलय के दौरान ईश्वरीय निर्देश पर तत्कालीन दुनिया के एकमात्र सदचरित्र व्यक्ति नोह और उसके परिवार तथा प्रमुख जीव प्रजातियों को बचाने के लिए बना था. इरविन को इस मिथकीय नौका को ढूँढ निकालने के अपने प्रयास में हर बार नाकामी ही मिली. इरविन का 1991 में निधन हुआ.
9. जॉन डब्ल्यू यंग, अपोलो 16 (21 अप्रैल 1972)
यंग छह बार अंतरिक्ष यात्राएँ करने वाले पहले व्यक्ति बने. ये रिकॉर्ड अभी भी उनके नाम है. चंद्रयात्रा के बाद 32 साल तक वे नासा के साथ रहे और 74 साल की उम्र में 2004 में सेवानिवृति ली. अत्यंत प्रतिभावान यंग ने नासा के 50 वर्षों के इतिहास में लगभग सभी प्रमुख परियोजनाओं में अपना योगदान दिया. उनके साथी अंतरिक्षयात्रियों की मानें तो यंग विनम्रता की प्रतिमूर्ति हैं.
10. चार्ल्स ड्यूक, अपोलो 16 (21 अप्रैल 1972)
ड्यूक को चाँद पर जा कर इतनी ख़ुशी हुई कि उन्हें वहाँ हेलमेट उतारने की इच्छा पर काबू करने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी. चंद्रयात्रा के बाद वे बोरियत का शिकार हो गए. उन्होंने नासा को छोड़ दिया और ढेर सारा पैसा बनाने का फ़ैसला किया. उन्होंने बीयर के धंधे में ख़ूब पैसा बनाया भी. लेकिन बोरियत एक बार फिर उन पर हावी हो गई, और वे दिन-रात बीयर में डूबे रहने लगे. उनकी पत्नी डॉटि को भी ड्यूक पर चंद्र की कुदृष्टि पड़ने का अहसास हुआ. उन्होंने चंद्रयात्रा के बाद ड्यूक के ग़ुस्सैल हो जाने और परिवार से दूर काम में ही मशगूल रहने की शिकायत की. इन सबके बीच डॉटि भी नशाखोरी में डूब गई. लेकिन बाद में वह ईश्वर की शरण में आ गई. इसके बाद ड्यूक ने भी बीयर का धंधा छोड़ धर्म की राह पकड़ ली. इस तरह अंतत: पति-पत्नी चंद्रमा के अभिशाप से मुक्त हुए. अब दोनों ईसाइयत का प्रचार करते हैं, लोगों को सदकर्म के लिए प्रेरित करते हैं.
11. यूजिन कर्नेन, अपोलो 17 (11 दिसंबर 1972)
कर्नेन चंद्रमा पर उतरने वाले ग्यारहवें लेकिन चंद्र सतह पर चलने वाले अंतिम व्यक्ति हैं. दरअसल वापसी के दौरान वे बारहवें मूनवॉकर श्मिट के बाद अपोलो चंद्र मॉड्यूल में वापस लौटे थे. कर्नेन 1975 में प्राइवेट सेक्टर में आ गए, लेकिन नासा की परियोजनाओं में योगदान देते रहे. कर्नेन मानव अंतरिक्ष मिशन के बड़े पैरोकारों में से हैं. वर्षों से वे चाँद पर दोबारा मानव मिशन भेजे जाने के साथ-साथ मंगल ग्रह पर भी मनुष्य को पहुँचाने के लिए जनमत बनाने का प्रयास करते रहे हैं.
12. हैरिसन जैक श्मिट, अपोलो 17 (11 दिसंबर 1972)
चाँद पर उतरने वाले बारहवें व्यक्ति और एकमात्र वैज्ञानिक श्मिट 1975 में नासा को छोड़ कर राजनीति में आ गए. वे 1977 में अमरीकी सीनेट के लिए चुने गए. लेकिन अगले कार्यकाल के लिए नहीं चुने जाने पर 1982 में उन्होंने राजनीति को नमस्कार कह दिया. अब उनका समय हीलियम-3 पर रिसर्च में बीतता है. माना जाता है कि चाँद पर बहुतायत में उपलब्ध हीलियम-3 भविष्य में ऊर्जा का स्वच्छ स्रोत साबित हो सकता है.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
3 टिप्पणियां:
ये सभी प्रतिभा सम्पन्न लोग हैं। अन्य क्षेत्रों में भी अच्छा कर रहे हैं। काश सभी बहुआयामी हो पाते!
बहुत ही रोचक जानकारी ..पर अवसाद वाला परिवर्तन आखिरकार क्यों हुआ होगा ? बहुत कुछ पहली बार जाना अच्छा लगा इस लेख को पढ़ना !!शुक्रिया इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए !!
ab jab itna bata diya to kya aap pehle ke history par koi post karenge. jaishe 1300,1400,..1700 A.D. ke history
एक टिप्पणी भेजें