स्विटज़रलैंड ने जून में जर्मनी में शुरू हो रही विश्व कप फ़ुटबॉल प्रतियोगिता के लिए बड़ी ही आक्रामक तैयारी की है.
चौंकिए नहीं, आपसे मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि स्विस टीम के लीग दौर से आगे पहुँचने की संभावना भी प्रबल नहीं कही जा सकती और सेमीफ़ाइनल-फ़ाइनल में जाने की बात तो सोची भी नहीं जा सकती. लीग मुक़ाबलों में स्विटज़रलैंड का पाला फ़्रांस, दक्षिण कोरिया और टोगो से है. टोगो के प्रदर्शन का तो मुझे पता नहीं, लेकिन इतना तो निश्चय ही कहा जा सकता है कि लीग की बाकी दोनों टीमों से पार पाना आसान नहीं होगा. फ़्रांस तो विश्व कप के प्रमुख दावेदारों में से है, जबकि दक्षिण कोरिया के भूटिया जवान भी अपनी तेज़ी और दमखम से बड़ी-बड़ी टीमों का पसीना छुड़ा देते हैं.
स्विटज़रलैंड की टीम अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल रैंकिंग में 36वें नंबर पर आती है. और सटोरियों की बात करें तो स्विटज़रलैंड के चैंपियन बनने पर सट्टे का भाव इस समय 80-1 का चल रहा है. मतलब खेल में तमाम अनिश्चतताओं के बावज़ूद चैंपियन के रूप में स्विस टीम की कल्पना करना भी उचित नहीं लगता.
तो भला मैं विश्व कप के लिए स्विटज़रलैंड की किसी आक्रामक तैयारी की बात कर रहा हूँ? भइये, मैं पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए की जा रही तैयारी की बात कर रहा हूँ. विश्व कप प्रतियोगिता आयोजित हो रही है जर्मनी में और प्रतियोगिता के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आक्रामक रणनीति बना रहा है स्विटज़रलैंड. अटपटी बात? बिल्कुल नहीं, क्योंकि स्विटज़रलैंड के लिए पर्यटन अपनी संस्कृति और नैसर्गिक संपदा दुनिया के सामने लाना कम, विशुद्ध धंधा ज़्यादा है.
सदियों से स्विटज़रलैंड का समाज एक धंधेबाज़ समाज रहा है. याद कीजिए स्विस गार्ड पर देश-दुनिया के पोस्ट को, जिसमें इस बात का उल्लेख है कि कैसे पहले पूरे यूरोप में भाड़े के सैनिकों की आपूर्ति स्विटज़रलैंड से होती थी.
स्विटज़रलैंड पर्यटन(और कुछ हद तक बैंकिंग) के बल पर ही तो दुनिया के संपन्न देशों की पाँत में बैठा हुआ है. ऐसे में यदि विश्व कप के दौरान संभावित पर्यटक जर्मनी का रूख़ करें या फिर घर में टेलीविज़न से चिपके रहें, तो स्विटज़रलैंड की अर्थव्यवस्था का क्या होगा. इसी बात को ध्यान में रख कर स्विस पर्यटन बोर्ड ने विश्व कप विधवाओं को लुभाने की योजना बनाई है. विश्व कप विधवा- यानि खाते-पीते घर की वो महिलाएँ जिनका विश्व कप के दौरान फ़ुटबॉलप्रेमी पतियों की ज़िंदगी में कोई स्थान नहीं रह जाता.
स्विस पर्यटन बोर्ड ने विश्व कप विधवाओं को प्रतियोगिता के दौरान स्विटज़रलैंड आमंत्रित करने के लिए एक सेक्सी टीवी विज्ञापन तैयार किया है. महिलाओं को संबोधित करते हुए इसमें कहा गया है-"कन्याओं, क्यों नहीं विश्व कप फ़ुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान आप ऐसे देश में आती हैं जहाँ के मर्द फ़ुटबॉल को कम और आपको ज़्यादा समय देते हैं? " इस वॉयसओवर के साथ विज्ञापन में स्विटज़रलैंड की पहचान से जुड़े काम करते हट्टे-कट्टे नौजवानों को दिखाया जाता है. इनमें गाय दूहते रेंज़ो ब्लूमेंथल भी हैं जो कि पिछले साल मिस्टर स्विटज़रलैंड बने थे. कन्याओं को लुभाने के लिए कुछ मॉडलों के शरीर पर कपड़े में किफ़ायत बरती गई है.
विज्ञापन शुरू में जर्मनी, फ़्रांस और स्विटज़रलैंड के टेलीविज़न चैनलों पर दिखाया जाएगा. वैसे, अमरीकियों और जापानियों के बाद मुझे स्विटज़रलैंड में सर्वाधिक पर्यटक भारत के ही दिखे हैं. इसका एक कारण यश चोपड़ा की फ़िल्मों का असर भी कहा जा सकता है. स्विटज़रलैंड में यांगफ़्राउ ग्लेशियर पर (जो कि टॉप ऑफ़ यूरोप के नाम से जाना जाता है) बॉलीवुड नामक एक बढ़िया रेस्तराँ भी है(हालाँकि उसका मालिक एक स्विस नागरिक ही है). मतलब, भारत में फ़ुटबॉल को लेकर जिन इलाक़ों में दीवानगी है(पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा आदि), वहाँ के खाते-पीते परिवार की महिलाओं को केंद्रित कर स्विस पर्यटन बोर्ड बीबीसी वर्ल्ड या सीएनएन के एशियाई प्रसारण में इस विज्ञापन को सम्मिलित करे तो कोई आश्चर्य नहीं.
विश्व कप विधवाओं को लक्षित कर तैयार इस चर्चित स्विस विज्ञापन को देखने के लिए इस पंक्ति को क्लिक करें.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
3 टिप्पणियां:
हा हा हा, बढ़िया है!! :D
Nice marketing gimmick !!
Hey! I need to know how to write in hindi on blogspot. I write hindi poems but in English... so many people find it difficult to read. can yu tell how i can write in the devnagri script plsssssssssssssssssssss?
एक टिप्पणी भेजें