शनिवार, नवंबर 12, 2005

साढ़े-सात-सितारा होटल

बात जब आलीशान होटलों की आती है तो सबसे पहले दिमाग़ में कौंधते हैं फ़ाइव-स्टार या पाँच-सितारा होटल. हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में कई होटल छह-सितारा होने के दावे के साथ सामने आए हैं. इतना ही नहीं, दो होटलों की दावेदारी सात-सितारा होने की है.

चित्र: बुर्ज अल अरब होटल
लेकिन चर्चा एक ऐसे होटल की हो रही है जिसकी अभी योजना भर ही बनी है, लेकिन अभी से उसके साढ़े-सात-सितारा होने के दावे किए जा रहे हैं.

यहाँ इस बात का ज़िक्र करना उचित होगा कि होटलों की स्टार रेटिंग कोई सर्वमान्य व्यवस्था नहीं है, क्योंकि इसके लिए कोई अंतरराष्ट्रीय संस्था नहीं है. दरअसल विभिन्न देशों में वहाँ की सरकार या फिर किसी एक संगठन की यह ज़िम्मेवारी होती है कि वो सुविधाओं, सेवाओं और रेट के हिसाब से किसी होटल को स्टार या सितारा आवंटित करे. मतलब किसी एक शहर में एक तीन-सितारा और एक चार-सितारा होटल की तुलना की जाए तो आमतौर पर चार-सितारा होटल हर तरह से बेहतर होगा.(हालाँकि लोकेशन या आसपास के माहौल के हिसाब से कई बार एक तीन-सितारा होटल भी किसी पाँच-सितारा होटल से बेहतर स्थिति में मिल सकता है.)

सामान्य तौर पर वन-स्टार होटल में आप साफ़-सुथरे कमरे की अपेक्षा कर सकते हैं. टू-स्टार में कुछ कमरे अटैच्ड बाथ के साथ हो सकते हैं, संभव है होटल परिसर में नाश्ते की भी व्यवस्था हो. थ्री-स्टार में सारे कमरे अटैच्ड बाथ के साथ मिलेंगे, होटल की अपनी रसोई होगी और इस कारण लंच-डिनर की व्यवस्था, साथ ही चौबीसों घंटे कार्यरत रिसेप्शन भी होगा ताकि देर-सबेर लौटने में आपको कोई असुविधा नहीं हो. फ़ोर-स्टार होटल में इन सुविधाओं के अलावा चौबीसों घंटे रूम-सर्विस की भी गारंटी पा सकते हैं, कमरे में मिनी-बार भी होगा, और होटल की लॉबी का आकार अपेक्षाकृत बड़ा होगा. और आगे चलें तो फ़ाइव-स्टार होटल में आपको ज़्यादा बड़े और सजे-सँवरे कमरे मिलेंगे, आधुनिक संचार सुविधाएँ होंगी, कांफ़्रेंस रूम होंगे, स्विमिंग पूल होगा और एक से ज़्यादा रेस्तराँ भी मिल सकते हैं.

फ़ाइव-स्टार से ऊँचे दर्ज़े के होटलों का चलन हाल के वर्षों में ही शुरू हुआ है और आमतौर पर नामी होटल कंपनियाँ ख़ुद से अपने किसी होटल को बढ़ी सुविधाओं के आधार पर सिक्स-स्टार बताया करती हैं. आपको आश्चर्य नहीं होना चाहिए जब किसी ट्रैवल गाइड में आप किसी कथित सिक्स-स्टार होटल को फ़ाइव-स्टार के रूप में अंकित पाएँ. माना जाता है कि स्वघोषित सिक्स-स्टार होटलों में आपका अपना यानि पर्सनल बटलर होगा, पर्सनल पूल होगा और संभव है आपका अपना छोटा-सा जिम भी हो.

चित्र: एमीरैट्स पैलेस होटल
जहाँ एक ओर ट्रैवल इंडस्ट्री कुछ होटलों के सिक्स-स्टार स्टेटस को ही पचा नहीं पा रही हैं, वहीं दो होटलों ने ख़ुद को सेवन-स्टार बता रखा है. दोनों खाड़ी के देशों में हैं. पहला है दुबई स्थित नाव के पाल के आकार का बुर्ज अल अरब होटल, जबकि दूसरा है इसी साल अबू धाबी में खुला महलनुमा एमीरैट्स पैलेस होटल. एक कृत्रिम टापू पर बने बुर्ज अल अरब होटल की बनावट और तड़क-भड़क ऐसी है कि रहना तो दूर मात्र टूर करने के लिए 55 डॉलर वसूले जाते हैं. दूसरी ओर एमीरैट्स पैलेस की चकाचौंध की बात करें तो यहाँ हर गेस्ट को चार-चार पर्सनल स्टॉफ़ दिए जाते हैं और इसके बीस अलग-अलग रेस्तराँ तक आने-जाने के लिए बस सेवा चलाई जाती है. इन दोनों होटलों के किसी कमरे में एक रात बिताने के लिए कम से कम 1,000 डॉलर तो ज़रूर ही ख़र्च करने पड़ेंगे.

लेकिन बात तो शुरू हुई थी साढ़े-सात-सितारा होटल की. तो जनाब, ये होटल बनेगा दुनिया के सबसे ख़तरनाक शहर में. जी, सही सोचा आपने- इराक़ की राजधानी बग़दाद में बनेगा ये होटल. पता नहीं क्या नाम दिया जाएगा इसे. बग़दाद के क़िलेबंद इलाक़े ग्रीन ज़ोन में बनेगा कथित साढ़े-सात-सितारा होटल. सुरक्षा कारणों से अमरीकी सेना कुछ प्राइवेट निवेशकों की इस साढ़े-सात-सितारा होटल की योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी बाहर आने नहीं दे रही. हालाँकि इराक़ी निवेश आयोग ने इतना ज़रूर बताया है कि ग्रीन ज़ोन में 23 मंज़िला होटल के निर्माण पर 80 करोड़ डॉलर का ख़र्च आएगा. पता नहीं इसमें क्या-क्या सुविधाएँ होंगी.(कहीं सात से आधा सितारा ज़्यादा करने के चक्कर में हर मंज़िल पर स्विमिंग पूल न बना दें भाई लोग!...और बग़दाद एयरपोर्ट से ग्रीन ज़ोन का रास्ता दुनिया की सबसे ख़तरनाक राह के रूप में बदनाम है तो शायद अमरीका और अन्य पश्चिमी देशों के ठेकेदारों को होटल तक पहुँचाने के लिए कोई हेलीकॉप्टर सेवा भी चलाई जाए!!)

चित्र: नक्शे पर ग्रीन ज़ोन


बात ग्रीन ज़ोन की करें तो, इसे 'बग़दाद में अमरीका' के रूप में जाना जाता है. इसे इंटरनेशनल ज़ोन के नाम से भी प्रचारित करने की नाकाम कोशिशें की जा चुकी हैं. इसी गोपनीय और किलेबंद इलाक़े के भीतर इराक़ को चला रही अमरीकी सेना की कमान और इराक़ की अंतरिम सरकार काम करती है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लोग भी सद्दाम हुसैन के शासन की हृदयस्थली रहे इस इलाक़े में रह कर ही काम करते हैं. हालाँकि इतना महत्वपूर्ण होने के बावजूद यह पूरी तरह सुरक्षित जगह हो ऐसा भी नहीं कहा जा सकता. ग्रीन ज़ोन में भी आत्मघाती हमले हुए हैं और जब भी मौक़ा मिलता है इराक़ी विद्रोही ग्रीन ज़ोन की ओर रॉकेट भी दागते हैं.

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