चीन की एक ब्लॉगर हैं शू जिंगलाइ. उन्हें ब्लॉगिंग की दुनिया की मल्लिका कहा जाता है. इसलिए नहीं कि वह एक ख़ूबसूरत अभिनेत्री हैं. बल्कि इसलिए कि उनकी वेब डायरी से ब्लॉगिंग को एक नई पहचान मिली है.
शू जिंगलाई चीनी भाषा में ब्लॉग लिखती हैं. इतनी नियमितता से कि रोज़ कम-से-कम एक पोस्ट तो लिख ही डालती हैं.
शू जिंगलाइ (Xu Jinglei) बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं. वह मात्र 33 साल की हैं लेकिन अपने अभिनय, गायन, फ़िल्म निर्देशन और अब ब्लॉगिंग के ज़रिए लाखों चीनी युवाओं के दिलों पर राज करती हैं.
ब्लॉगिंग जगत में शू जिंगलाइ का नाम इसलिए भी बड़े ही अदब से लिया जाता है कि उनका ब्लॉग कुल 10 करोड़ पेज व्यू वाला पहला ब्लॉग बना. अभी ये पोस्ट लिखते समय मैंने देखा तो ये संख्या 10,48,66,693 है, यानि साढ़े दस करोड़ का आँकड़ा ज़्यादा दूर नहीं. और ये सब हुआ है मात्र पौने दो साल में क्योंकि शू ने ब्लॉगिंग की दुनिया में अक्तूबर 2005 में क़दम रखा था.
शू जिंगलाइ एक साफ़-सुथरी छवि वाली प्रतिष्ठित स्टार हैं. सरल भाषा में बेबाकी से लिखती हैं. एक पाठक के रूप में उनसे सहजता से जुड़ा जा सकता है. शायद इसलिए उनके एक-एक पोस्ट पर हज़ार-हज़ार टिप्पणियाँ जमा हो जाना आम बात है. ताज़ा उदाहरण दूँ तो 22 जुलाई के उनके पोस्ट पर 1261 टिप्पणियाँ आई हैं. इस पोस्ट के शीर्षक का हिंदी अनुवाद होगा- 'नहीं है बोधि वृक्ष'. इसमें बीजिंग स्थित इस स्टार ने ग्वांगझाओ और हांगकांग की अपनी यात्रा का ब्यौरा दिया है. छोटे-से इस पोस्ट में शू ने यात्रा के दौरान एक फ़िल्म देखने का ज़िक्र किया है. उस फ़िल्म पर अपनी बेबाक राय दी है. और अपनी एक बात को बलपूर्वक कहने के लिए उन्होंने एक भारतीय लोककथा का उल्लेख किया है, कि कैसे एक बाप-बेटे की जोड़ी को साथ में गधा होने के बाद भी पैदल चलना पड़ा.
शू जिंगलाइ का ब्लॉग इतना क्यों पढ़ा जाता है? क्यों इतने सारे लोग उनके विचारों पर अपनी राय व्यक्त करते हैं? इन सवालों के जवाब में शू ने इस सप्ताह एक अंग्रेज़ी अख़बार से कहा- "मुझसे अक्सर ये सवाल किया जाता है. और मेरा एक ही जवाब होता है कि लोग मुझे कुल मिलाकर एक सफल व्यक्ति मानते हैं. मैं सर्वाधिक प्रसिद्ध अभिनेत्री नहीं हूँ, सबसे लोकप्रिय फ़िल्म निर्देशक भी नहीं हूँ, न ही सबसे बढ़िया लेखिका हूँ. लेकिन यदि सारी ख़ूबियों को जोड़ा जाए तो मैं ठीकठाक हूँ. एक और बात है कि मैंने बाक़ी के स्टारों से पहले ब्लॉगिंग शुरू कर दी थी."
शू ने आगे कहा, "मैं किसी गंभीर मुद्दे पर नहीं लिखती. आम जीवन की छोटी-छोटी बातों पर लिखती हूँ. इसलिए इतने सारे लोग मुझे पढ़ेंगे इसकी मुझे उम्मीद नहीं थी. हो सकता है पाठक एक अभिनेत्री के दिन-प्रतिदिन की ज़िंदगी के बारे जानने की जिज्ञासा रखते हों."
अनेक चीनी विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी शू जिंगलाई से ख़ुद को जोड़ कर देखते हैं. इसके अलावा उनके ब्लॉग के चर्चित होने के बाद हज़ारों पाठक यों ही देखादेखी में जुड़ गए. शू अपने बारे में लिखती हैं, अपनी पसंद-नापसंद का ज़िक्र करती हैं, अपनी फ़िल्मों के बारे में लिखती हैं, अपनी यात्राओं का ब्यौरा देती हैं, खाना पकाने से जुड़े अनुभवों को बाँटती है...और अपनी पालतू बिल्लियों की चर्चा भी नियमित रूप से करती हैं.
टेक्नोराती की मानें तो शू जिंगलाई के ब्लॉग को ही पिछले साल सबसे ज़्यादा हिट मिला था. और इस महीने 12 जुलाई को उनके ब्लॉग ने 10 करोड़ पेज व्यू का रिकॉर्ड बनाया और इस दृष्टि से ब्लॉगिंग का नंबर वन साइट माने जाने वाले बोइंगबोइंग को भी पीछे छोड़ दिया.
शू जिंगलाई के बारे में लिखते हुए बार-बार यही ध्यान में आता रहा कि हिंदी के किसी ब्लॉग को शू के ब्लॉग जैसी सफलता मिलने में अभी कितने साल और लगेंगे? कोई बड़ा सिनेस्टार या क्रिकेटर हिंदी में ब्लॉग लिखना शुरू करे तो शायद कुछ बात बने. लेकिन इसकी भी संभावना कम ही नज़र आती है. वैसे भी, किसी भारतीय स्टार से शू जिंगलाई जैसे नियमित लेखन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है.
अभिनेता आमिर ख़ान ने पिछले दिनों अपनी फ़िल्म लगान की डीवीडी के प्रचार के हिस्से के तौर पर अंग्रेज़ी में एक ब्लॉग शुरू किया है, सैंकड़ो टिप्पणियाँ भी बटोर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि आमिर ने पहली बार मंगल पांडे की रिलीज़ के दौरान कुछ दिनों तक ब्लॉगिंग की थी, और दोबारा लिखने के लिए उन्हें लगान की डीवीडी भारतीय बाज़ार में उतारे जाने का इंतज़ार करना पड़ा. आमिर स्टार हैं, बहुत ही लोकप्रिय हैं, साफ़गोई है उनमें, बाक़ियों के मुक़ाबले बेहद ईमानदार भी हैं...क्या ही अच्छा होता, वे लगातार ब्लॉगिंग करते...अंग्रेज़ी के साथ-साथ हिंदी में भी!!
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13 टिप्पणियां:
यह ब्लोगरों के लिये काफ़ी उत्साह जनक बात है जो यह बतलाती है कि किस बुलन्दी तक जाया जा सकता है। आप्ने अमीर खान का उदाहरण दे यह भी बतलाया की भारत मे क्या परिस्थिती है।
य़े दोनो फ़िल्म स्टार है। लोगों को इनके बारे मे जानने मे उत्सुकता होती है, पर आम ब्लोग्गर भी छोटी छोटी बातोम को रोचक अंदाज मे लिख कर आगे आ सकता है।
यदि आप ये बताते कि वे उनके ब्लोग का किस प्रकार प्रचार करती है तो ब्लोगरो को और भी फ़ायदा होता।
आपने हिन्दी चिठेरों को एक बढ़िया रोल मॉडल दे दिया. धन्यवाद.
बहुत अच्छी जानकारी दी है।
बहुत सही जानकारी, काफी पहले हमें पता चला था कि बिपाशा बसु ने भी एक ब्लोग लिखना शुरू किया था फिल्म अपहरण की रिलीज से पहले, जो ब्लोगिंग के लिये कम विज्ञापन के लिये ज्यादा था। वहाँ जाकर देखा तो इतनी भद्दी भद्दी टिप्पणियां थी कि क्या बताऊँ। हिन्दी लिखने वालों ने तब पहली मर्तफा शर्मसार किया था।
शुक्रिया इस जानकारी के लिये। हमें तो दो ही टिप्पणी मिल जाय तो भाग्यवन समझते हैं।
अच्छा लगा यह जानकर कि ब्लाग भी इतने पढ़े जाते हैं। :)
शू की पॉपुलरिटी को देखकर यही लगता है कि आने वाले दिनों में जब भारतीय गांवों तक कम्प्यूटर की पहुंच हो जाएगी। तो यहां भी करोड़ का आंकड़ा पार किया जा सकता है। वैसे भी टीआरपी की होड़ में लगी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और उसका पीछा कर रही प्रिंट मीडिया से लोग ऊब रहे हैं और ब्लॉग को अपना रहे हैं।
very good information
ब्लागिंग की दुनिया में यह खबर उत्साहवर्धक है। जनसंचार और अभिव्यक्ति के नये माध्यम के रूप में ब्लागिंग की सम्भावनायें अनन्त हैं,इस दिशा में व्यापक चेतना की दरकार है।
डा. शैलेन्द्रकुमार शर्मा
अध्यक्ष
हिन्दी अध्ययनशाला,
विक्रम विश्वविद्यालय,उज्जैन म.प्र.456010
बहुत अच्छी जानकारी दी है।
आमिर ख़ान का अगले फ़िल्म का कुछ कबर हे क्या
आप कोंसी software उपयोग किया
मुजको www.quillpad.in/hindi अच्छा लगा
Thankyou sir,
apka blog padhkar meri jankari mein izafa hua..
Ye blog parh kar bahut accha laga. is tarah ke blog deten rahen.
thanks
Ye blog parh kar bahut accha laga. is tarah ke blog deten rahen.
thanks
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