बारहवीं की परीक्षा के परिणाम आने के बाद अख़बारों में एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली बच्चों के बारे में ख़बरें छप रही हैं. हिंदी ब्लॉग जगत ने भी कुछ मेधावी बच्चों को मंच दिया. प्रतिभावानों की इज़्ज़त में लिखे जाने के इस ख़ास अवसर पर संयोग से मेरे हाथ एक बेहतरीन पुस्तक हाथ लगी है- The Observer Book of GENIUS.
इस पुस्तक के सारे 112 पेज पढ़ जाने के बाद ये स्पष्ट हो जाता है कि प्रतिभा या मेधा शुरू से ही अल्प आपूर्ति में रही है. आख़िर प्रतिभा है क्या? आधुनिक काल के सिद्ध प्रतिभावानों में से एक थॉमस एडिसन की मानें तो प्रतिभा में एक प्रतिशत अंत:प्रेरणा और निन्यानवे प्रतिशत मेहनत है. हालाँकि एडिसन से कहीं ज़्यादा प्रतिभावान माने जाने वाले लियोनार्दो दा विंची का कहना था कि उच्चतम प्रतिभा वाला व्यक्ति तब सर्वाधिक सक्रिय होता है, जब वह सबसे कम काम कर रहा हो!
यानि मेधा आख़िर क्या बला है, इस पर शताब्दियों से सिद्ध प्रतिभावान तक एकमत नहीं हो सके हैं. इस बारे में तरह-तरह के सवाल हैं, लेकिन कोई निश्चित जवाब नहीं. क्या प्रतिभा मस्तिष्क की किसी विशेष कोशिका का कमाल है, क्या यह कोई आनुवंशिक चीज़ है, क्या यह प्रकृति के किसी अबूझ फ़ॉर्मूले का कमाल है...या फिर, क्या प्रतिभा सही प्रशिक्षण से, सही दवाओं के ज़रिए या सिर के किसी ख़ास हिस्से में लगी चोट से विकसित की जा सकती है?
जब प्रतिभा की परिभाषा तक पर एका नहीं तो उसे मापने की विधि कितनी भरोसेमंद कही जा सकती है! लेकिन फिर भी दुनिया एक तरीक़े पर काफ़ी हद तक भरोसा करती है. ये है IQ Test, यानि Intelligence Quotient की जाँच. फ़्रांसीसी मनोविज्ञानी अल्फ़्रेड बिनेट ने थियोडोर सिमोन के साथ 1908 में इसकी शुरुआत की. यहाँ ये उल्लेखनीय है कि इस विधि से बच्चों की प्रतिभा ही जाँची जा सकती है. इसमें बच्चों की मानसिक और वास्तविक उम्र का अनुपात निकाला जाता है. मान लीजिए एक 10 साल का बच्चा अपने से तीन साल बड़े यानि 13 साल के बच्चों जितना समझदार है. ऐसे में उसका IQ निकालने के लिए 13 में 10 से भाग देंगे और औसत IQ यानि 100 से गुणा करेंगे. इस तरह उस बच्चे का IQ हुआ 130.
मान्य पंरपराओं के अनुसार 130 से अधिक IQ वाले किसी बच्चे को आमतौर पर प्रतिभाशाली माना जाता है. उच्चतर IQ वालों की संस्था मेन्सा में भी इस IQ स्तर वालों को आमतौर पर प्रवेश मिल जाता है. हालाँकि यह संस्था IQ की जाँच के अलग-अलग तरीक़े अपनाती है. इस समय दुनिया भर के क़रीब एक लाख व्यक्ति मेन्सा के सदस्य हैं.
The Observer की क़िताब में कुल 20 प्रतिभावान लोगों की विस्तार से चर्चा है. ये महानुभाव हैं:-
1. Imhotep (b.2667 BC, d.2648 BC). बहुआयामी प्रतिभा के धनी. स्थापत्य और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में मानव इतिहास का पहला बड़ा नाम. उनकी ये उक्ति बहुत प्रसिद्ध है- 'खाओ, पीओ और आनंद मनाओ क्योंकि एक दिन हमें मर जाना है.'
2. Pythagoras of Samos ( b.582-580 BC, d.547-496 BC). गणितज्ञ, खगोलविद, वैज्ञानिक और दार्शनिक. अंकों के जनक के रूप में विशेष प्रसिद्धि. उन्होंने एक विज्ञानप्रेरित समाज की स्थापना की जिसे पाइथागोरियन्स कहा जाता था. उनका मानना था कि सब कुछ गणित से संबद्ध है और अंक ही अंतिम सच हैं.
3. Plato (b.428 BC, d.349 BC). प्राचीन यूनान की प्रसिद्ध विद्वत तिकड़ी में से एक. बाक़ी दो थे- सुकरात और अरस्तू. प्लेटो एक दार्शनिक के अलावा एक गणितज्ञ भी थे. पश्चिमी जगत में उच्चतर शिक्षा के लिए पहली संस्था की स्थापना उन्होंने ही एथेंस में की थी.
4. Archimedes (b.287 BC, d.212 BC). गणितज्ञ, भौतिकशास्त्री, इंजीनियर, खगोलविद और दार्शनिक. उनके कई आविष्कार आज भी उपयोग में लाए जाते हैं. मशहूर जर्मन गणितज्ञ कार्ल फ़्रेडरिक गॉस ने आर्कमिडिज़ को तीन कालजयी गणितज्ञों में से एक माना है. बाक़ी दो हैं- न्यूटन और आइंस्टाइन. आर्कमिडिज़ की प्रसिद्ध उक्ति- 'मुझे खड़े होने की एक जगह दो, मैं धरती को हिला दूँगा.'
5. Brahmagupta (b.598, d.668). गणितज्ञ और खगोलविद. राजस्थान में पैदा हुए ब्रह्मगुप्त सम्राट हर्ष के ज़माने में उज्जैन की वेधशाला के प्रमुख रहे थे. ब्रह्मगुप्त को गणित-चक्र-चूड़ामणि के नाम से भी जाना जाता था. उन्होंने खगोलशास्त्र में बीजगणित का इस्तेमाल शुरू किया था. शून्य को एक स्वतंत्र अंक का दर्जा उन्होंने ही दिया था.
6. Dante Alighieri (b.1 June 1265, d.13 September 1321). कवि. प्रमुख कृतियाँ- The Divine Comedy, La Vita Nuova, De Vulgari Eloquentia, Monarchia और The Convivio. उनका प्रमुख कथन- 'नरक में सबसे बुरी जगह उन लोगों के लिए सुरक्षित है, जो नैतिक संकट की घड़ियों में तटस्थ रहते हैं.'
7. Leonardo da Vinchi (b. 15 April 1452, d. 2 May 1519). बहुआयामी प्रतिभा के धनी. खगोलशास्त्र, सिविल इंजीनियरिंग, ऑप्टिक्स, चिकित्सा शास्त्र और हाइड्रोडाइनमिक्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान. एक कलाकार के रूप में Mona Lisa और The Last Supper का चित्रांकन. आविष्कारक के रूप में मानवचालित हेलीकॉप्टर, टैंक, ग्लाइडर, पैराशूट, कैलकुलेटर आदि का डिज़ायन तैयार किया. इस्तांबुल के सुल्तान बेयाज़िद द्वितीय के लिए लियोनार्दो ने एक पुल का डिज़ायन किया था, जिसे असंभव मान कर सुल्तान ने नहीं बनवाया, लेकिन 2001 में नॉर्वे में उस डिज़ायन को सफलतापूर्वक कार्यरूप दिया गया.
8. Michelangelo (b. 6 March 1475, d. 18 February 1564). पेन्टर, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पी, कवि और इंजीनियर. रोम के सिस्टीन चैपल में उन्होंने The Scenes from Genesis और The Last Judgment के रूप में जो फ़्रेस्को चित्रकारी की उसकी दूसरी मिसाल नहीं. इसी तरह उनकी बनाई डेविड की मूर्ति भी अद्वितीय कृति ही मानी जाती है.
9. William Shakespeare (b. 26 April 1564, d. 23 April 1616). कवि और नाटककार. उनके दुखान्त, ऐतिहासिक, रोमांटिक और हास्यपूर्ण नाटकों को अंग्रेज़ी साहित्य में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. उन्होंने अपने कई नाटकों में अभिनय भी किया था. शेक्सपियर ने प्यार, सुंदरता और जीवन की क्षणभंगुरता पर कई ख़ूबसूरत कविताएँ भी लिखी हैं.
10. Galileo Galilei (b. 15 February 1564, d. 8 January 1642). भौतिकशास्त्री, खगोलविद और दर्शनशास्त्री. उन्होंने धरती केन्द्रित खगोलशास्त्र को चुनौती देते हुए सूर्य केन्द्रित खगोल विज्ञान का प्रतिपादन किया. सापेक्षवाद के बारे में भी उन्होंने विचार व्यक्त किए थे. उन्होंने गणित, सैद्धान्तिक भौतिकी और प्रायोगिक भौतिकी के अन्तर्संबंधों पर प्रकाश डाला. गैलीलियो ने विज्ञान को दर्शन शास्त्र और धर्म से अलग करने का हरसंभव प्रयास किया, और इसी कारण कैथोलिक चर्च से दुश्मनी मोल ले ली. आइन्सटाइन ने उन्हें आधुनिक विज्ञान का जनक कहा है. उनकी एक प्रसिद्ध उक्ति- 'ईश्वर की भाषा है गणित.'
(अगले पोस्ट में जारी...)
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2 टिप्पणियां:
लेख के अगले भाग का इंतजार है. धन्यवाद.
बहुत अच्छा लगा इसे पढ़ना। आगे के भाग का इंतजार है!
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