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जस्टिन की कचराकृति के रूप में कूड़े के एक छोटे से पैकेट की क़ीमत 10 से 100 डॉलर के बीच कुछ भी हो सकती है. अब तक 800 से ज़्यादा पैकेट बिक भी चुके हैं. दो तरह की दर है: आम दिनों के कचरे अपेक्षाकृत सस्ते में, जबकि विशेष जगह या दिन वाले कचरे 100 डॉलर प्रति पैकेट के हिसाब से. महंगे कचरे के पैकेटों में से एक है इस साल 'यांकी स्टेडियम ओपनिंग डे' के विशेष अवसर पर उठाया गया कूड़ा. विश्वास नहीं हो तो इस पेज पर ख़ुद ऑर्डर करके देखें.
जस्टिन को ये सुनना पसंद नहीं कि वो कचरा बेच रहे हैं. उन्हें लगता है ऐसा कहने वाले उनकी कला का अनादर कर रहे हैं. मतलब, न्यूयॉर्क के स्कूल ऑफ़ विज़ुअल आर्ट का ग्रेजुएट जस्टिन कचराकृति बेच रहा है, कचरा नहीं! उनका कहना है कि एक विज्ञापन एजेंसी में आर्ट डाइरेक्टर की नौकरी से उनकी दाल-रोटी चल जाती है, इसलिए लोगों को समझना चाहिए किसी विशेष उद्देश्य से ही वो कचरे का धंधा कर रहे हैं.
जस्टिन के काम करने का बिल्कुल आसान तरीका है: न्यूयॉर्क की सड़कों पर से कुछ डिब्बे, कनस्तर, बोतल, गिलास, चम्मच, टिकट, रद्दी आदि चुनना और उसे एक पारदर्शी क्यूब में पैक कर देना. इसके बाद प्लास्टिक के घनाकार पैकेट पर वो अपना हस्ताक्षर करते हैं और पैकेट की सील पर कचरे के पैदाइश की तिथि डालते हैं, यानि वो दिन जिस दिन उन्होंने कचरे को कलाकृति का रूप देने के लिए सड़क से उठाया था.
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जस्टिन का कचरा खरीदने पर आपको उनकी तरफ़ से गारंटी मिलती है कि पैकेट पर तो तिथि अंकित है कचरा ठीक उसी दिन का है. लोगों का भरोसा जीतने के लिए उनका एक और दावा है कि उनके कचरे असल के कचरे हैं, ये नहीं कि पैसे कमाने के लिए दुकान से सस्ती चीज़ें खरीद कर पैक कर दिया हो. उनका कहना है कि जब न्यूयॉर्क के लोग प्रतिदिन कोई एक करोड़ किलोग्राम कचरा रोज़ फेंकते हों, तो कचरे के नाम पर बाज़ार से ख़रीद कर चीज़ें बेचना सरासर धोखाधड़ी होगी.
जस्टिन की कचराकृति के ख़रीदारों में ज़मीन से जुड़ी चीज़ों की चाहत रखने वाले आमजनों से लेकर बड़े-बड़े कला-पारखी तक हर वर्ग के लोग हैं. सवाल ये है कि जस्टिन ने कलाकार बनने की शिक्षा पूरी की है, तो भला वे कूड़ा बेचने के धंधे में कैसे आए? इसके जवाब में इस कचराकार का कहना है कि एमटीवी में इंटर्नशिप के दौरान वो पैकेजिंग के महत्व पर एक बहस में शामिल थे. बहस में इन्होंने पैकेजिंग को बड़ी अहमियत दी, तो किसी ने इन्हें चुनौती दे डाली. ऐसे में इनके पास अपनी बात को सही साबित करने का एक ही उपाय था- पैकेजिंग के बल पर कचरा बेच कर दिखाओ.
इस तरह एक कलाकार बन गया कचराकार...आगे कोई बड़ा उद्योगपति बन जाए तो कोई आश्चर्य नहीं. जस्टिन ने एक कंपनी रजिस्टर्ड करा ली है और अपनी गर्लफ्रैंड को कंपनी के उपाध्यक्ष के रूप में नौकरी भी दे दी है. जस्टिन को लंदन और बर्लिन में फ़्रेंचाइज़ के लिए प्रस्ताव मिल चुके हैं. हालाँकि, दूसरे शहरों में मौजूदा व्यापार फैलाने से पहले वो 'ट्रैश-वॉलहैंगिंग' यानि कमरे की दीवार पर टाँगी जाने वाली कचराकृति बेचने की शुरूआत करना चाहते हैं.