इंटरनेट पर सर्च किया तो पता चला ये 22वाँ पाइ दिवस है. यानि पाइ भले ही बहुत पुराना हो लेकिन उसका दिवस मनाने की परंपरा नई है.
किसने शुरू किया पता नहीं लेकिन अधिकांश आधुनिक दिवसों की तरह अमरीका से ही शुरू हुआ होगा इसमें कोई संदेह नहीं क्योंकि यह Pi के बिल्कुल शुरुआती मान 3.14 से जुड़ा हुआ है, यानि अमरीका में प्रचलित तरीके से महीने और दिन को सजाने पर- तीसरे महीने का चौदहवाँ दिन - यानि 14 मार्च. संयोग से ये तारीख़ अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्मदिन भी है.
पाइ का उपयोग यों तो विज्ञान के लगभग हर क्षेत्र में होता है, लेकिन आमतौर पर लोगों का पाइ से सबसे पहला परिचय गणित की कक्षा में वृत का क्षेत्रफल निकालने में प्रयुक्त समीकरण के ज़रिए होता है:
क्षेत्रफल=पाइ x त्रिज्या का वर्ग.
पाइ दरअसल वृत की परिधि और व्यास का अनुपात है. अंग्रेज़ी स्कूलों में इसे कुछ इस तरह कविता के रूप में सिखाया जाता है-
"If inside a circle a line
Hits the center and goes spine to spine
And the line's length is "d"
the circumference will be
d times 3.14159 "
बड़ी से बड़ी अभाज्य संख्याओं को ढूंढने के समान ही गणितप्रेमियों के बीच पाइ का शुद्धतम मान ज्ञात करने की होड़ लगी रहती है. यों तो सामान्य कार्यों के लिए 3.14 के मान से ही काम चल जाता है, लेकिन इससे बेहतर परिणाम पाना चाहते हैं तो 3.14159 का उपयोग करें.
इससे भी आगे जाना है तो अंग्रेज़ी के इस वाक्य की सहायता लें- How I want a drink, alcoholic of course, after the heavy lectures involving quantum mechanics! इस वाक्य के हर शब्द के अक्षर का नंबर लिखें जैसे How-3, I-1, Want-4 और इसी तरह आगे. ऐसे में जो नंबर बनेगा उसमें बायें से एक अंक के बाद दशमलव लगाने पर Pi का मान आएगा:- 3.14159265358979
लेकिन शुद्धतम संभव परिणाम पाना है तो गणना करने के लिए सुपर कंप्यूटरों को लगाना होगा. वैसे पाइ का 27 खरब अंकों वाला मान उपलब्ध है. इसी साल एक फ़्रांसीसी कंप्यूटर विज्ञानी ने ये कमाल कर दिखाया.
यदि पाइ के उपलब्ध शुद्धतम मान को बिना रुके (प्रति सेकेंड एक अंक) बोला जाए तो इस काम में 85 हज़ार वर्ष लगेंगे.
उल्लेखनीय है कि दशमलव पद्धति में पाइ के बड़े से बड़े मान में भी अंकों के दोहराव का कोई पैटर्न ज्ञात नहीं है.
गणित, भौतिकी और इंजीनियरिंग में पाइ एक महत्वपूर्ण नियतांक के रूप में काम आता है. पुल और सुरंग बनाने से लेकर विमानों की डिज़ायनिंग और ग्लोबल पोज़िशनिंग जैसे काम इसके बिना संभव नहीं हैं. यहाँ तक कि 27 खरब अंकों वाले पाइ के मान का भी उपयोग है- सुपरकंप्यूटरों के परीक्षण में कि क्या महासंगणक मशीनें ठीक से काम कर रही हैं!