tag:blogger.com,1999:blog-12465571.post4032492121955029698..comments2023-10-20T10:08:13.617+00:00Comments on देश-दुनिया: ट्विटर-फ़ेसबुक से क्रांति? बिल्कुल नहीं.हिंदी ब्लॉगर/Hindi Bloggerhttp://www.blogger.com/profile/04059710706721725509noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-12465571.post-56273138750548801312010-10-09T07:51:21.999+00:002010-10-09T07:51:21.999+00:00काफी हद तक सहमत हूँ।काफी हद तक सहमत हूँ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-12465571.post-67147506657367468172010-10-07T15:03:25.424+00:002010-10-07T15:03:25.424+00:00फ़ेसबुक की बात से तो सहमत होना मुश्किल है क्योंकि ...फ़ेसबुक की बात से तो सहमत होना मुश्किल है क्योंकि यह कम से कम लोगों को कुछ हद तक जोड़े हुए है पर हां ट्विट्टर में कोई ख़ास दम नहीं, यह एक तरफा भड़ास निकालने का रास्ता हो सकता है जो किसी ने पढ़ लिया तो पढ़ लिया बस. क्रांति ! यह तय है कि वो तो दोनों से ही नहीं हो सकती. यहां मैं सहमत हूं.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.com