बुधवार, दिसंबर 21, 2005

वर्ष 2005 के चर्चित शब्दों की बानगी

हमारे जीवन में मीडिया मीडिया की चौबीसों घंटे मौजूदगी के कारण हर साल हमें कुछ नए शब्द सीखने को मिलते हैं. नए शब्दों में कुछ तो बिल्कुल भोलेभाले होते हैं तो कइयों से शरारत की महक आती है. बीते वर्षों से इस तरह के शब्दों के उदाहरण ढूँढे जाएँ तो मिखाइल गोर्वाच्योफ़ के ज़माने के ग्लास्नोस्त(खुलापन) और पेरेस्त्रोइका(पुनर्निर्माण) हमारा ध्यान तुरंत आकर्षित करते हैं. सूचना प्रौद्योगिकी के मौजूदा युग में आउटसोर्सिंग,साइबर वर्ल्ड और ब्लॉग जैसे शब्दों के अवतरित हुए भी ज़्यादा दिन नहीं बीते हैं.

आइए एक नज़र डालें वर्ष 2005 के चर्चित शब्दों और परिभाषाओं पर. मैंने इन्हें वर्षांत पर प्रकाशित रोचक जानकारियों की एक किताब से लिया है. ये शब्द और मुहावरे अंग्रेज़ी के हैं, ज़ाहिर है हर साल विभिन्न भाषाओं से ऐसे सैंकड़ो उदाहरण जुटाए जा सकते हैं.

HAPPY SLAPPING/BANGING OUT: अनजान लोगों के ख़िलाफ़ अकारण की जाने वाली हिंसा की घटना को वीडियो फ़ोन पर रिकॉर्ड करना और ऐसी वीडियो क्लिप दोस्तों को टेक्स्ट करना.

CLEANSKINS: आपराधिक मामले में संदिग्ध वे लोग जिनका अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा हो. लंदन में सात जुलाई के बम हमलों के लिए ज़िम्मेवार माने जाने वाले चरमपंथियों के लिए इस शब्द का जमकर इस्तेमाल हुआ.

RENDITION: क़ैदियों को अवैध रूप से उन देशों में भेजना जहाँ उन्हें प्रताड़ित किया जाना क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं हो. अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए पर आरोप है कि उसने दुनिया भर में पकड़े गए हज़ारों संदिग्ध चरमपंथियों को मिस्र, रोमानिया, पोलैंड जैसे देशों में रखकर प्रताड़ित किया.

SANTO SUBITO: तुरंत संत बनाया जाना. पोप जॉन पॉल द्वितीय की मौत के बाद वेटिकन के सेंट पीटर्स स्क़्वायर में जुटी भीड़ उन्हें संत घोषित किए जाने की माँग करते हुए 'सैंतो सुबितो' का नारा लगा रही थी.

DEFERRED SUCCESS: नाकामी के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला आशावादी मुहावरा.

BATHROOM BREAK: संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा विदेश मंत्री कोंडोलीज़ा राइस के नाम लिखे नोट से लिए गए शब्द. रॉयटर्स के एक फ़ोटोग्राफ़र के कैमरे में क़ैद दो पंक्तियों के इस नोट में बुश ने लिखा है- "मैं समझता हूँ मुझे बाथरूम ब्रेक की ज़रूरत है. क्या ये संभव है?"

ISRAELISATION: इसके तीन प्रमुख उपयोग हैं-(क)अरब-इसराइल संघर्ष का विश्व राजनीति पर प्रभाव. (ख)9/11, मैड्रिड और 7/7 के हमलों के बाद बनी यह मान्यता कि पश्चिमी जगत भी अब आत्मघाती हमलों के ख़तरे के साथ जी रहा है. (ख)आतंकवाद से निपटने के लिए इसराइली तौर-तरीक़ों को अपनाना.

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